नरमा कपास की किस्मों (American Cotton Varieties) ने भारत में कपास की खेती के परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे खेतों में अमेरिकी कपास की किस्मों की शुरूआत ने उपज, गुणवत्ता और स्थिरता के मामले में बदलाव लाया है। यह लेख भारत में अमेरिकी कपास किस्मों के इतिहास, प्रभाव, लाभ, चुनौतियों, बाजार के रुझान, अपनाने की कहानियों और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है। इन प्रमुख पहलुओं की खोज करके, हमारा उद्देश्य भारतीय कृषि क्षेत्र में अमेरिकी कपास किस्मों के प्रभाव और क्षमता की व्यापक समझ प्रदान करना है।
अमेरिकन कपास की उन्नत किस्में (American cotton improved varieties)
अमेरिकन कपास को नरमा भी कहा जाता है। यह एक लंबे रेशे वाली कपास की किस्म है। भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्यों, खासकर पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में इसकी खेती की जाती है। कपास की फसल के लिए बीजों का चुनाव सही करना बहुत जरूरी होता है। नरमा कपास की खेती के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग किस्मों का चुनाव करना चाहिए। नरमा कपास (American Cotton) की कुछ क्षेत्रवार किस्में इस प्रकार है, जैसे-
राज्य | अमेरिकन उन्नत किस्में | अमेरिकन संकर किस्में |
पंजाब | एफ 286, एल एस 886, एफ 414, एफ 846, एफ 1861, एल एच 1556, पूसा 8-6, एफ 1378 | फतेह, एल डी एच 11, एल एच एच 144 |
हरियाणा | एच 1117, एच एस 45, एच एस 6, एच 1098, पूसा 8-6 | धनलक्ष्मी, एच एच एच 223, सी एस ए ए 2, उमा शंकर |
राजस्थान | गंगानगर अगेती, बीकानेरी नरमा, आर एस 875, पूसा 8 व 6, आर एस 2013 | राज एच एच 116 (मरू विकास) |
उत्तर प्रदेश | एलएस 886, एफ 286, एफ 414, एफ 846, एफ 1378, एफ 1861, एलएच 1556, एस 45, एच 1098 | फतेह, एलडीएच 11, एलएच 144, धनलक्ष्मी, एचएचएच 223, सीएसएए 2, उमाशंकर, राज एचएच 116, जेकेएचवाई 1 |
मध्य प्रदेश | कंडवा 3, केसी 94-2 | जेकेएचवाई 1, जेकेएचवाई 2 |
महाराष्ट्र | पीकेवी 081, एलआरके 516, सीएनएच 36, रजत | एनएचएच 44, एचएचवी 12 |
गुजरात | गुजरात कॉटन 12, गुजरात कॉटन 14, गुजरात कॉटन 16, एलआरके 516, सीएनएच 36 | एच 8, डीएच 7, एच 10, डी एच 5 |
आंध्र प्रदेश | एलआरए 5166, एलए 920, कंचन | सविता, एचबी 224 |
कर्नाटक | शारदा, जेके 119, अबदीता | डीसीएच 32, डीएचबी 105, डीडीएच 2, डीडीएच 11 |
तमिलनाडु | एमसीयू 5, एमसीयू 7, एमसीयू 9, सुरभि | सविता, सूर्या, एचबी 224, आरसीएच 2, डीसीएच 32 |
अमेरिकन कपास की किस्मों की विशेषताएं (Characteristics of American cotton varieties)
अमेरिकी कपास की किस्मों को लंबे समय से उनकी बेहतर गुणवत्ता और उपज क्षमता के लिए जाना जाता है, दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में इनकी खेती का एक समृद्ध इतिहास है। अमेरिकी कपास (American Cotton) की कुछ किस्मों की विशेषताएं इस प्रकार है, जैसे-
एच- 1098: यह अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म पछेती बिजाई के लिए उत्तरी भारत में 1996 में खेती के लिए विकसित की गई थी। यह किस्म कम अवधि में पकने वाली है और कुल 165 दिन का समय बिजाई से अंतिम चुनाई तक लेती है| इसकी बिजाई का उपयुक्त समय मध्य-मई से जून के प्रथम सप्ताह तक का है।
इसके पौधे सीधी बढ़वार वाले होते हैं, जो 130 सेंटीमीटर ऊंचाई तक बढ़ते हैं। कपास-गेहू फसल-चक्र के लिए यह उपयुक्त है, औसत पैदावार 8 से 8.5 क्विटल प्रति एकड़, रेशे की लम्बाई 22.7 मिलीमीटर एवं रूई 35.2 प्रतिशत है| तेले व सूण्डी का इस पर कम प्रकोप होता है।
एच एस- 6: इस अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म की समस्त उत्तरी भारत में अगेती बिजाई 15 मई तक करने की सिफारिश की गई है। यह किस्म 180 से 185 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसके टिण्डे बड़े होते हैं, जो कि अच्छी तरह खिलते हैं।
चुनाई आसानी से हो जाती है। इसकी ऊंचाई 150 से 160 सेंटीमीटर होती है, यह जैसिड प्रतिरोधी है। इस पर गुलाबी सुण्डी का प्रकोप भी कम होता है। इसकी औसत उपज 8.5 क्विटल प्रति एकड़ है, इसमें रूई की मात्रा 36 प्रतिशत है, तथा रेशे की लम्बाई 23.6 मिलीमीटर है।
एच- 1226: यह अमेरिकन कपास (American Cotton) की पूर्णतया पत्ता मरोड़ अवरोधी किस्म है। यह किस्म 160 से 165 दिन में पककर तैयार हो जाती है और कपास-गेहू फसल-चक्र के लिए उपयुक्त है। इसके पौधों की ऊँचाई 150 से 160 सेंटीमीटर एवं 2 से 3 वानस्पतिक शाखाएं होती हैं।
इस किस्म के टिण्डे मध्यम आकार के, गोल एवं प्रति पौधा संख्या में अधिक होते हैं। टिण्डे सख्त होने के कारण सूण्डी का प्रकोप अपेक्षाकृत कम होता है तथा हरे तेले का असर भी कम देखा गया है। इसकी औसत पैदावार 9 से 10 क्विटल प्रति एकड़ है। इस किस्म में रूई की मात्रा 33.7 प्रतिशत तथा रेशे की लंबाई 24.5 मिलीमीटर होती है।
एच- 1117: इस अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म की समस्त उत्तरी भारत में अगेती बिजाई 15 अप्रैल से 15 मई तक करने की सिफारिश की गई है। यह किस्म 175 से 185 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इसके पत्ते छोटे और टिण्डे मध्यम होते हैं, जो अच्छी तरह खिलते हैं। चुनाई आसानी से हो जाती है, इसकी उँचाई 150 से 160 सेंटीमीटर होती है।
इसमें मजबूत वानस्पतिक शाखाएं 2 से 6 तक हो जाती हैं। इस किस्म में बहुत ही कम (2 से 5 प्रतिशत) पत्ती मरोड़ रोग लगता है। इसकी औसत पैदावार 8 क्विटल प्रति एकड़ तथा रूई की मात्रा 35.5 प्रतिशत और रेशे की लम्बाई 24.1 मिलीमीटर है। इसकी अधिकतम पैदावार 15 क्विटल प्रति एकड़ तक ली जा सकती है।
एच- 1300: अमेरीकन कपास (American Cotton) की यह किस्म समय पर बिजाई और सिंचित अवस्था के लिए विकसित की गई है। यह किस्म 165 से 170 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। कपास के पत्ती मरोड़ रोग के लिए यह रोगरोधी है| इसके टिण्डे बड़े आकार के होते हैं और पैदावार 13.94 क्विटल प्रति एकड़ है, जिसमें रूई की मात्रा 36.3 प्रतिशत, माइक्रोनेयर मूल्य 4.9 व रेशे की शक्ति 21.5 ग्राम प्रति टैक्स है।
एच- 1098 (संशोधित): यह अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म पुरानी प्रचलित किस्म एच 1098 का संशोधित रूपांतरण है। नई किस्म एच 1098 संशोधित में एच 1098 के सभी गुणों के साथ-साथ पत्ता मरोड़ रोग प्रतिरोधी क्षमता है। इसके टिण्डे बड़े होते हैं और रूई की मात्रा अधिक है।
एच- 1236: यह अमेरिकन कपास किस्म (American Cotton Varieties) रेशे की गुणवत्ता के लिए वर्ष 2010 में खेती के लिए अनुमोदित की गई। इनमें 1 से 3 वानस्पतिक शाखाएं होती हैं और पौधे मध्यम ऊँचाई 130 से 150 सेंटीमीटर के होते हैं। इस किस्म की अन्तिम चुनाई मध्य नवम्बर तक पूरी हो जाती है।
इसलिए यह किस्म कपास-गेहूं व कपास-राया फसल चक्र के लिए उपयुक्त है। इस किस्म की औसत पैदावार 7.94 क्विटल प्रति एकड़ है और अधिकतम उपज 11.4 क्विटल प्रति एकड़ है। इस किस्म में रेशे की लंबाई 27.2 मिलीमीटर तथा रूई की मात्रा 35 प्रतिशत है। यह किस्म पत्ता मरोड़ रोग के प्रति अवरोधी है।
आर एस- 2013: इस अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म के पौधों की ऊंचाई 125 से 130 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में 2 से 3 ऐकांक्षी शाखाएँ और अन्य फलवाहिनी शाखाएँ होती है। फसल 165 से 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
इस किस्म में सूण्डी द्वारा हानि अन्य किस्मों की अपेक्षाकृत कम होती है। यह किस्म पत्ती मरोड़ विषाणु बीमारी के प्रति अवरोधी है। इस किस्म की औसत उपज लगभग 9 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
आर एस- 810: इस अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म के पौधे की ऊंचाई मध्यम 125 से 130 सेन्टीमीटर होती है। फूल पीले रंग के होते हैं, टिण्डे का आकार 2.50 से 3. 50 ग्राम रेशे की लम्बाई 24 से 25 मिलीमीटर और ओटाई क्षमता 33 से 34 प्रतिशत होती है। यह किस्म 165 से 175 दिन में पककर तैयार तथा 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ उपज देती है तथा पत्ती मोड़क रोग प्रतिरोधक है।
आर एस टी- 9: इस अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म के पौधों की ऊंचाई 130 से 140 सेन्टीमीटर, पत्तियां हल्के रंग की होती हैं और फूल पीले रंग के होते हैं। चार से छ: एकांक्षी शाखाएं होती है। टिण्डे का आकार मध्यम औसत वजन 3.5 ग्राम होता है। फसल 160 से 200 दिन में पककर तैयार हो जाती है, तेला से इस किस्म में अपेक्षाकृत कम हानि होती है। ओटाई प्रतिशत भी अन्य अनुमोदित किस्मों से अधिक है।
आर एस- 875: इस अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म के पौधे की ऊंचाई मध्यम 100 से 110 सेन्टीमीटर होती है। आकार और रंग गहरे हरे रंग की होती है। टिण्डे का आकार मध्यम, औसत वजन 3.5 ग्राम, रेशे की लम्बाई 27 मिलीमीटर व तेल की मात्रा 23 प्रतिशत 15 है, जो अनुमोदित किस्मों से अधिक है। इस किस्म की फसल 150 से 160 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जिससे उसी खेत में सामान्य समय में गेहूं की बुवाई की जा सकती है।
बीकानेरी नरमा: इस अमेरिकन कपास (American Cotton) किस्म के पौधे लगभग 135 से 165 सेंटीमीटर (साढे पाँच फीट) ऊँचे पत्तियाँ छोटी, हल्के हरे रंग की और फूल छोटे हल्के पीले रंग के होते हैं और चार से छः एकांक्षी शाखाएं पाई जाती हैं। टिण्डे का आकार मध्यम औसतन वजन 2 ग्राम होता है। फसल 160 से 200 दिन में पककर तैयार हो जाती है। तेला (जेसिड) से इस किस्म में अपेक्षाकृत कम हानि होती है।
एच एच एच- 223: अमेरिकन कपास (American Cotton) की यह संकर किस्म वर्ष 2002 में उत्तरी भारत में बिजाई के लिए सिफारिश की गई। इसकी बिजाई का समय 15 अप्रैल से 20 मई तक है। इसके पौधे की ऊँचाई 150 से 160 सेंटीमीटर और मुख्य तने पर 2 से 4 मजबूत टहनियां होती हैं। हालांकि, उँचाई और टहनियां जलवायु पर निर्भर करती हैं।
इसके टिण्डे का वजन 3.8 ग्राम है, यह 175 से 180 दिनों में पक कर तैयार होती है। इस पर सूण्डियों का प्रकोप भी कम होता है और यह जैसिड प्रतिरोधी है। इस किस्म में पत्ती मरोड़ रोग नहीं लगता। इसकी औसत पैदावार 8 से 9 क्विटल प्रति एकड, रूई 35.2 प्रतिशत और रेशे की लम्बाई 22.5 मिलीमीटर है| इसकी अधिकतम पैदावार 16 क्विटल प्रति एकड़ ली जा सकती है।
एच एच एच- 287: यह अमेरिकन कपास (American Cotton) हरियाणा राज्य की नरमा की पहली नर-बंध्य संकर किस्म है। इस संकर किस्म की बिजाई की सिफारिश वर्ष 2005 में समस्त उत्तरी भारत के सिंचित इलाकों में 10 मई से 30 मई के मध्य की गई है। इसके बीज की मात्रा 1.750 किलोग्राम प्रति एकड़ उपयुक्त होती है। यह किस्म 160 से 170 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
इसके टिण्डे का वजन 4 ग्राम होता है और टहनियों पर इनकी दूरी कम होती है। यह किस्म पत्ता मरोड़ रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी पंखुडियां और पराग क्रीम रंग के होते हैं। इसमें वानस्पतिक शाखाएं 1 से 3 होती हैं। इसमें रूई की प्रतिशत मात्रा 34.8 एवं रेशे की लम्बाई 27.1 मिलीमीटर होती है। इस संकर किस्म की औसत पैदावार 8 से 9 किंवटल प्रति एकड है तथा अधिकतम पैदावार 13 क्विंटल प्रति एकड़ है।
राज एच एच- 16 (मरू विकास): इस अमेरिकन कपास (American Cotton) संकर किस्म के पौधों की ऊंचाई 135 से 145 सेंटीमीटर पत्तियां औसत आकार हल्के हरे रंग की होती है, फूल हल्के पीले रंग व 3 से 4 एकांक्षी शाखाएँ पाई जाती है।
टिण्डे का आकार मध्यम, औसतन वजन 4.5 ग्राम, रेशे की लम्बाई 27 मिलीमीटर व कताई सूतांक 40 है, जो अन्य अनुमोदित किस्मों से अधिक है। इस किस्म की फसल 170 से 180 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जिससे उसी खेत में सामान्य समय में गेहूं की फसल आसानी से ली जा सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)
नरमा कपास को “American Cotton” के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसे मूल रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से भारत लाया गया था। उत्तर-पश्चिमी भारत में उगाई जाने वाली कुछ लोकप्रिय नरमा कपास किस्मों में एलएस 886, एफ 286, एफ 414, एफ 846, एफ 1378, एफ 1861, एलएच 1556, एस 45, एच 1098 शामिल हैं।
हिर्सुटम को अमेरिकी कपास (American Cotton Varieties) या अपलैंड कपास और जी. बारबाडेंस को मिस्र के कपास या समुद्री द्वीप कपास या पेरूवियन कपास या टैंगुइश कपास या गुणवत्ता वाले कपास के रूप में भी जाना जाता है। जी हिर्सुटम प्रमुख प्रजाति है जो अकेले वैश्विक उत्पादन में लगभग 90% योगदान देती है।
पिमा को पृथ्वी पर सबसे बेहतरीन कपास माना जाता है। एक अतिरिक्त-लंबे स्टेपल (ईएसएल) कपास के रूप में, इसके लंबे रेशे इसे अतिरिक्त नरम और अतिरिक्त मजबूत बनाते हैं। शानदार ढंग से चिकना कपड़ा जो उखड़ने, फटने, पिलिंग, झुर्रियाँ और फीका पड़ने के लिए प्रतिरोधी है।
वैश्विक अध्ययन में पाया गया है कि अमेरिकी कपास (American Cotton) सबसे पसंदीदा कपास में से एक है। दुनिया भर के मिल और निर्माता प्रतिनिधियों के हालिया अध्ययन से पता चलता है कि नरमा कपास की प्रतिष्ठा दुनिया के अन्य क्षेत्रों के कपास से बेहतर है।
अमेरिकन कपास (American Cotton) की आएस 2827 किस्म से औसत 30.5 क्विंटल प्रति हैक्टेयर पैदावार प्राप्त की जा सकती है। इसके रेशे की लंबाई 27.22 मिलीमीटर और मजबूती 28.86 ग्राम व टेक्स आंकी गई है। इसके टिंडे का औसत वजन 3.3 ग्राम होता है।
सुविन इस देश में उगाया और उत्पादित किया जाने वाला सबसे उच्च गुणवत्ता वाला कपास फाइबर है। कपड़ा उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, यह भारत में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला कपास है। भारत में, सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला सूती कपड़ा हरियाणा, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना और राजस्थान में पाया जाता है।
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