Isabgol Farming in Hindi: ईसबगोल का बानस्पतिक नाम ‘प्लाटैगो ओवेटा’ तथा जीनस प्लाटैगो से संबंधित एक छोटा पौधा है। जिसे साइलियम के नाम से भी जाना जाता है, जो कि महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जिसका स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ा ही महत्व है। मानव में होने वाले कई प्रकार के रोगों में ईसबगोल पौधे का…;[Read More]
Blog
Taramira Farming in Hindi: जाने तारामीरा की खेती कैसे करें
Taramira Cultivation: तिलहनी फसलों में तारामीरा की फसल संरक्षित नमी और बारानी क्षेत्रों में ली जा सकती है। यह फसल कम लागत और कम सिंचाई सुविधा में भी अन्य फसलों की तुलना में सबसे अधिक लाभ प्रदान करती है। इस फसल को कम उपजाऊ तथा अनुपयोगी भूमि पर भी बोया जा सकता है। इसमें तेल…;[Read More]
Safflower Cultivation: जानिए कुसुम की खेती कैसे करें
Safflower Farming in Hindi: कुसुम को मराठी में करड़ी, कन्नड में कुसुबे, हिन्दी में कुसुम और तेलुगु में कुसुमा कहा जाता है। यह भारत देश की रबी मौसम की एक महत्वपुर्ण तिलहनी फसल है। इसके उत्पादन के भूभाग और उत्पादन के संदर्भ में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है और उत्पादन मे दूसरा स्थान…;[Read More]
Rapeseed Cultivation in Hindi: तोरिया की खेती कैसे करें
Rapeseed Farming: कृषि उन्मुख भारत में तिलहनी फसलों की कम उत्पादकता और खाद्य तेलों की बढ़ती मांग के कारण, देश लगभग 70000 करोड़ रूपये का प्रति वर्ष तेल आयात करता है। रबी तिलहनी फसलों में तोरिया या लाही एक महत्वपूर्ण फसल है, जो लगभग 90-95 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है तथा उत्पादन…;[Read More]
Rye Cultivation in Hindi: जानिए राई की खेती कैसे करें
Rye Farming: राई रबी की प्रमुख तिलहनी फसल है, जिसका भारत की अर्थ व्यवस्था में एक विशेष स्थान है। राई कृषकों के लिए बहुत लोक प्रिय होती जा रही है, क्यों कि इससे कम सिंचाई व लागत में दूसरी फसलों की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है। राई की खेती (Rye Cultivation) मिश्रित रूप…;[Read More]
Sugarcane Cultivation: जाने गन्ने की खेती कैसे करें
Sugarcane Farming: देश की कृषि अर्थ व्यवस्था में गन्ना फसल का एक महत्वपूर्ण योगदान है। देश के कुल गन्ना क्षेत्रफल का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा उत्तर भारत के राज्यों में है। इन राज्यों में संस्तुत उन्नत गन्ना किस्मों और उन्नत उत्पादन तकनीकों को अपनाकर गन्ने की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है, जिससे गन्ना किसानों…;[Read More]
Fenugreek Leaves Cultivation: कसूरी मेथी की खेती कैसे करें
Kasuri Methi Farming: कसूरी मेथी (Fenugreek Leaves) एक सुगंधित मेथी है। यह एक वर्षीय शाकीय पौधा है, जिसकी ऊंचाई लगभग 46-56 सेमी तक होती है। यह स्वः परागित प्रकृति का पौधा है। इसकी बढ़वार धीमी तथा पत्तियां छोटे आकार की गुच्छे में लगी होती हैं। पत्तियों का रंग हल्का हरा होता है। फूल चमकदार नारंगी…;[Read More]
Fenugreek Cultivation: जानिए मेथी की खेती कैसे करें
Fenugreek Farming: मेथी फैबेसी परिवार की एक वार्षिक फसल है। यह एक द्विगुणित प्रजाति है। इसे दर्ज इतिहास में सबसे पुराना ज्ञात औषधीय पौधा माना जाता है। मेथी की उत्पत्ति का केंद्र दक्षिण – यूरोप, भूमध्य क्षेत्र और पश्चिमी एशिया है। भारत भी मेथी का मूल निवास है तथा कश्मीर, पंजाब और ऊपरी गंगा के…;[Read More]
Lucerne Cultivation: जानिए रिजका की खेती कैसे करें
Lucerne Farming: रिजका बहु वर्षीय फलीदार चारे वाली और सिंचित अवस्था की फसल है। यह रबी मौसम में उगाई जाने वाली फसल है। एक वार बुवाई करने पर इससे 3 से 4 वर्ष चारा लिया जा सकता है। बहु कटाई और अधिक उपज के साथ-साथ रिजका एक उच्च गुणवत्ता वाला स्वादिष्ट व पौष्टिक चारा है।…;[Read More]
Berseem Cultivation: जाने बरसीम की खेती कैसे करें
Berseem Farming: बरसीम शुष्क और ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में रबी के मौसम मे उगाई जाने वाली हरे चारे की एक महत्वपूर्ण वार्षिक फसल है। अच्छी उपज और बढ़वार के लिए 18 से 25 डिग्री तक का तापमान सर्वोत्तम होता है। इसका वानस्पतिक नामट्राइफोलियम एलेक्सैड्रिनम है। प्राचीन काल मे बरसीम मिस्र की चारे की एक…;[Read More]