Hybrid Rice Cultivation in Hindi: कृषि के क्षेत्र में, संकर धान (Hybrid Rice) की खेती ने पैदावार बढ़ाने और फसल के लचीलेपन को बेहतर बनाने की अपनी क्षमता के कारण महत्वपूर्ण प्रगति की है। विभिन्न धान की किस्मों के वांछनीय गुणों को मिलाकर, हाइब्रिड खेती किसानों को उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।
यह लेख संकर धान की खेती के आवश्यक पहलुओं पर प्रकाश डालता है, जिसमें सही किस्मों का चयन करने से लेकर प्रभावी रोपण, सिंचाई, निषेचन और कीट प्रबंधन पद्धतियों को लागू करना शामिल है। संकर धान (Hybrid Rice) की खेती की बारीकियों को समझना उन किसानों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी फसल को अनुकूलित करना चाहते हैं और टिकाऊ कृषि पद्धतियों में योगदान देना चाहते हैं।
संकर धान के लिए उपयुक्त जलवायु (Suitable climate for hybrid rice)
संकर धान (Hybrid Rice) की खेती के लिए, गर्म और नम जलवायु की ज़रूरत होती है। 21 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान इस फसल के लिए अच्छा माना जाता है। 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान फसल के लिए अच्छा नही होता है। लंबे समय तक धूप और पानी की पर्याप्त आपूर्ति और उच्च नमी होनी चाहिए।
संकर धान के लिए उपयुक्त भूमि (Suitable soil for hybrid rice)
संकर धान की खेती मध्यम काली मिट्टी और दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। हालाँकि 5 से 8 पीएच रेंज और 1 प्रतिशत से ज़्यादा जैविक कार्बन युक्त सुनिकासी व्यवस्था वाली चिकनी दोमट या मटियार भूमि सबसे अच्छी होती है। हल्की मिट्टी, जैसे बलुई दोमट या रेतीली भूमि में संकर धान (Hybrid Rice) की सीधी बुआई नहीं करनी चाहिए।
संकर धान के लिए खेत की तैयारी (Preparation of field for hybrid rice)
संकर धान (Hybrid Rice) की खेती के लिए मध्यम जमीन का चुनाव इसकी खेती के लिए उपयुक्त होता है। खेत में पानी का जमाव 10-12 सें.मी. तक रहना चाहिए। खेत की अंतिम जुताई के समय 40 से 60 क्विंटल कम्पोस्ट या 6 से 10 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए।
इसके साथ जैव उर्वरक, यथा- एजोटोबैक्टर, एजोस्पाइरीलम, पीएसबी 1 किलोग्राम प्रत्येक को मिला देने से लाभ होता है। जिंक तत्व की कमी होने पर 8-10 किग्रा जिंक सल्फेट प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में प्रयोग किया जाना चाहिए।
संकर धान की प्रचलित किस्में (Popular varieties of hybrid rice)
संकर धान (Hybrid Rice) की किस्में दो अलग-अलग आनुवंशिक विशेषताओं वाली किस्मों के परागण से विकसित होती हैं। संकर धान की पहली पीढ़ी के बीजों में विशेष प्रजनन क्षमता होती है, जिससे सामान्य उपज देने वाली किस्मों की तुलना में ज़्यादा उपज मिलती है। संकर धान की प्रमुख किस्में इस प्रकार है, जैसे-
एराईज स्विफ़्ट, एराईज, स्विफ़्ट गोल्ड, आरएच सुपर 444, सीआर धान 300, अराइज 6444, अराइज तेज गोल्ड, नरेन्द्र संकर धान 2, पंत संकर धान 1, पंत संकर धान 2, प्रोएग्रो 6201, प्रोएग्रो 6444, पीएचबी 71 तथा पूसा आरएच 10 (सुगन्धित) गंगा, नरेन्द्र धान 3, सहयाद्री 4, एचआरआई 157, डीआरआरएच 3 और यूएस 312, केआरएच 2, पीआरएच 10, पीएचबी 71 इत्यादि प्रमुख है।
विशेष: कृषकों को संकर धान की किस्मों के बीज हर साल नये खरीद कर बुवाई करनी चाहिए, क्योंकि दूसरी पीढ़ी में संचित गुण कम हो जाते हैं और उपज भी कम होती है।
संकर धान के लिए बीज की मात्रा (Seed quantity for hybrid rice)
संकर धान (Hybrid Rice) की खेती के लिए 15-20 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर का इस्तेमाल करना चाहिए। यह सामान्य किस्मों के मुकाबले आधा होता है। हालांकि, बुआई की पद्धति के हिसाब से बीज की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। जैसे की श्री पद्धति से धान की खेती के लिए 6 से 7 किग्रा प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है।
संकर धान के लिए बुवाई का समय (Sowing time for hybrid rice)
संकर धान (Hybrid Rice) की बुआई का सही समय मध्य जून से जुलाई के पहले सप्ताह के बीच होता है। वर्षा आरम्भ होते ही धान की बुवाई का कार्य आरम्भ कर देना चाहिये। इसलिए जून मध्य से जुलाई प्रथम सप्ताह तक बोनी का समय सबसे उपयुक्त होता है।
सामान्य तौर पर 2-3 सप्ताह के पौधे रोपाई के लिये उपयुक्त होते हैं तथा एक जगह पर 2-3 पौध लगाना पर्याप्त होता है। रोपाई में विलम्ब होने पर एक जगह पर 4-5 पौधे लगाना उचित होगा। मैदानी इलाकों में 90-115 दिन में पकने वाली किस्मों का चयन करें।
संकर धान के लिए पौधशाला की तैयारी (Preparation of nursery for hybrid rice)
एक एकड़ खेती के लिए 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में नर्सरी तैयार की जाती है। उपलब्धता के अनुसार 2 से 2.5 क्विंटल कम्पोस्ट या 50-100 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट प्रयोग किया जाता है। नर्सरी तैयार करने के एक सप्ताह पूर्व एजोटोबैक्टर / एजोस्पाइरीलम, पीएसबी तथा ट्राइकोडर्मा विरीडी ( प्रत्येक 100 ग्राम की दर से) को कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट में मिलाकर पौधशाला में भुरकाव करना चाहिए।
संकर धान (Hybrid Rice) बीज बुआई के पूर्व 2 किलोग्राम डीएपी तथा 1 किलोग्राम म्यूरियेट ऑफ पोटाश प्रयोग किया जाता है। मिट्टी परीक्षण में जिंक की कमी पाये जाने पर 250-300 ग्राम जिंक सल्फेट हेप्टाहाइड्रेट (21 प्रतिशत) का प्रयोग बीजाई के एक सप्ताह पूर्व करना चाहिये। नर्सरी में बीज बोने से पहले 12 घंटा पानी में भिंगाने के बाद उसे पुनः 12 घंटे छाया में रखने के बाद बोआई करें।
संकर धान के लिए बीज उपचार (Seed treatment for hybrid rice)
संकर धान (Hybrid Rice) बुआई पूर्व बीज को कारबेन्डाजिम 50 डब्लूपी 2 ग्राम अथवा ट्राइकोडर्मा विरीडी 5 ग्राम पाउडर या 1 मिली तरल को प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करना आवश्यक है। बिचड़ा (पौधे) उखाड़ने से तीन-चार दिन पहले 250 ग्राम कार्बोफ्यूरॉन 3 जी या 120 ग्राम फोरेट 10 जी दानेदार दवा का प्रयोग कर सिंचाई कर देना चाहिए। बुआई के 10-12 दिन के बाद हेक्साकोनाजोल 5 ईसी 1.5 मिली की दर से प्रयोग करना चाहिए।
संकर धान के लिए रोपण की विधि (Method of planting for hybrid rice)
संकर धान की खेती (Hybrid Rice) के लिए 20-25 दिनों की आयु का बिचड़ा (पौधा) रोपाई के लिये प्रयुक्त किया जाना चाहिए। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेंमी एवं पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंमी रखनी चाहिए। एक जगह पर केवल 1 से 2 बिचड़ों की रोपाई करनी चाहिए। गले अथवा सूखे हुए पौधों के स्थानों पर एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार रोपाई कर देनी चाहिए।
संकर धान के लिए पोषक तत्व प्रबंधन (Nutrient management for cross rice)
संकर धान (Hybrid Rice) की उत्पादकता अधिक रहने के कारण नेत्रजन 50-60 किग्रा, फॉस्फेट 25 किग्रा और पोटाश 25-30 किग्रा प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है। वांछित पोषक तत्वों को निम्नांकित विवरण के अनुरूप प्रयोग किया जाना चाहिए, जैसे-
प्रयोग का समय | नेत्रजन | स्फूर | पोटाश |
रोपनी के समय | 25-30 किग्रा | 25 किग्रा | 12-15 किग्रा |
रोपनी के 30-35 दिनों बाद | 12-15 किग्रा | ||
रोपनी के 70-75 दिनों बाद | 12-15 किग्रा | 12-15 किग्रा |
संकर धान में खरपतवार प्रबंधन (Weed Management in cross Rice)
श्रमिक की उपलब्धता नहीं रहने की अवस्था में संकर धान (Hybrid Rice) की रोपनी के तीन से चार दिनों के अंदर ब्यूटाक्लोर 50 ईसी या प्रोटीलाक्लोर 50 ईसी तरल एक लीटर को 400 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से अथवा 20-25 किलोग्राम बालू में मिलाकर भुरकाव कर खेत में 5 दिन तक 2-3 ईंच पानी रखना चाहिए।
संकर धान में जल प्रबंधन (Water Management in Hybrid Rice)
संकर धान (Hybrid Rice) में कल्ले निकलने की अवस्था में 4-5 सेंमी पानी रहना आवश्यक होता है। इसके बाद 4-5 दिनों के लिए खेत से पानी निकाल दिया जाता है। खेत को गीला एवं सूखा करने से पौधों में सिंचाई जल की दक्षता बढ़ जाती है।
संकर धान में फसल सुरक्षा प्रबंधन (Crop protection management in cross rice)
संकर धान (Hybrid Rice) प्रभेद की उत्पादकता अधिक रहने के कारण फसलों में कीट- व्याधियों का प्रकोप अधिक होता है। अत: आवश्यक है कि समेकित कीट प्रबंधन के मानक नियमों का पालन करते हुए समुचित कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अंतर्गत निम्नांकित सुरक्षात्मक और आकस्मिक उपाय आवश्यकतानुसार किये जा सकते है, जैसे-
- रोपाई से 20-25 दिन बाद, नीम तेल 0.03 प्रतिशत एजैडीरैक्टीन 3 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
- रोपाई से 40-45 दिन बाद, नीम तेल 0.15 प्रतिशत 3 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
- रोपाई से 60-65 दिन बाद, इमिडाक्लोप्रीड 17.8 प्रतिशत ईसी का 0.3 मिली के साथ हेक्साकोनाजोल 5 प्रतिशत ईसी का 1 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
- गंधी बग की समस्या होने पर, मालाथियॉन या मिथाइलपाराथिन का धूल 8-10 किग्रा प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए।
- तना छेदक कीड़ा, इन कीटों की सक्रियता वर्षा ऋतु के अन्त में बढ़ जाती है। एसीफेट 75 प्रतिशत एसपी 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।
- भूरा एवं हरा मधुआ कीट, इमिडाक्लोप्रीड 17.8% ईसी का प्रयोग 1 मिली प्रति 3 लीटर पानी की दर से करें।
संकर धान फसल की कटाई (Harvesting of hybrid rice crop)
संकर धान (Hybrid Rice) की कटाई 50 प्रतिशत बालियां निकलने के बीस दिन बाद या बाली के निचले दानों में दूध बन जाने पर खेत से पानी बाहर निकाल देना चाहिए। जब 80-85 प्रतिशत दाने सुनहरे रंग के हो जाये अथवा बाली के निकलने के 30-35 दिन बाद कटाई करनी चाहिए। इससे दाने को झड़ने से बचाया जा सकता है। कटाई से पहले, खेत से अवांछित पौधों को हटा देना चाहिए।
संकर धान फसल से उपज (Yield from hybrid rice crop)
संकर धान (Hybrid Rice) की खेती अतिरिक्त देखभाल और अधिक पोषक तत्वों के अलावा सामान्य किस्मों की तरह ही की जाती है। परीक्षणों से सिद्ध हो चुका है कि संकर किस्में सामान्य किस्मों की तुलना में 10-15 कुन्तल प्रति हेक्टेयर अधिक उपज देती है। क्योंकि इनमें प्रति पौध बालियों तथा प्रति बाली दानों की संख्या अधिक होने के साथ-साथ विषम परिस्थितियों के लिए भी उपयुक्त है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)
संकर धान एक प्रकार का चावल है, जिसे चावल की दो अलग-अलग किस्मों को मिलाकर उगाया जाता है। हाइब्रिड चावल (Hybrid Rice) की खेती शुद्ध चावल की खेती से ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकती है क्योंकि इससे 30% तक ज़्यादा उपज मिल सकती है।
संकर धान (Hybrid Rice) बीज की 20-30 ग्राम प्रति वर्ग मीटर की दर से बुआई करनी चाहिए, ताकि 20-25 दिन में रोपण के लिए सुदृढ़, स्वस्थ और कई कल्ले वाली पौद प्राप्त की जा सके। प्रमुख खेत की तैयारी के लिए बार- बार जुताई करें। इसके बाद गीली जुताई करें और रोपाई के दो हफ्ते पहले गोबर की खाद की संस्तुत मात्रा दें। जिसमें 20 सेमी (पंक्ति से पंक्ति) और 15 सेमी (पौधे से पौधे) या पौधों और पंक्तियों के बीच 15 x 15 सेमी का अंतराल रखा जाता है।
संकर चावल एशियाई चावल का एक प्रकार है जिसे दो बहुत अलग मूल किस्मों से क्रॉसब्रेड किया गया है। अन्य प्रकार के संकरों की तरह, हाइब्रिड चावल (Hybrid Rice) में आमतौर पर हेटेरोसिस या “हाइब्रिड वज्र” दिखाई देता है, इसलिए जब तुलनात्मक शुद्ध चावल की किस्मों के समान परिस्थितियों में उगाया जाता है, तो यह 30% तक अधिक उपज दे सकता है।
संकर धान की किस्मों की आनुवांशिक क्षमता का भरपूर लाभ लेने हेतु इसका बीज हर साल नया प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि संकर धान (Hybrid Rice) की फसल से प्राप्त बीज दूसरे वर्ष अपेक्षाकृत कम पैदावार देते है तथा दूसरे वर्ष की फसल में ऊंचाई, परिपक्वता एवं दानों में विभिन्नता आ जाती है। जबकि संकर धान की पहली फसल में पर्याप्त समरूपता रहती है।
संकर धान (Hybrid Rice) की कई अच्छी किस्में हैं: आरएच सुपर 444, नरेंद्र संकर धान 2 (एनएसडी-2), अराइज 6444 गोल्ड, अराइज़ 6129 और अराइज़ 6201 गोल्ड आदि मुख्य है।
परीक्षणों से सिद्ध हो चुका है कि संकर धान (Hybrid Rice) किस्में सामान्य किस्मों की तुलना में 10-15 कुन्तल प्रति हेक्टेयर अधिक उपज देती है। क्योंकि इनमें प्रति पौध बालियों तथा प्रति बाली दानों की संख्या अधिक होने के साथ-साथ विषम परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है।
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