Corn Varieties in Hindi: मक्का (Maize) या कॉर्न भारत में कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण महत्व रखती है, जो खाद्य सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि दोनों में योगदान देती है। भारत में मक्का की खेती की एक समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में विविध जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल है। क्योंकि उत्तर के हरे-भरे खेतों से लेकर दक्षिण के गर्म मैदानों तक, इसकी खेती पूरे भारत में विविध जलवायु परिस्थितियों में फलती-फूलती है।
भारत में उगाई जाने वाली लोकप्रिय मक्का किस्मों (Maize Varieties), उनकी अनूठी विशेषताओं और क्षेत्रीय खेती पद्धतियों को समझना आजीविका और खाद्य सुरक्षा पर मक्का के प्रभाव को समझने के लिए आवश्यक है। यह लेख विभिन्न मक्का किस्मों (Maize Varieties) के महत्व, उनके विकास में चुनौतियों और टिकाऊ कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के लिए निहितार्थों के विविध परिदृश्य पर प्रकाश डालता है।
मक्का की उन्नत किस्में (Improved varieties of maize)
जब मक्का की किस्मों (Maize Varieties) की बात आती है, तो विकल्प बहुत विविध होते हैं। आइए कुछ पसंदीदा किस्मों पर एक नजर डालते हैं, जैसे-
संकुल किस्में: किरण, नवनीत, नवज्योति, गौरव, कंचन, विवेक 27, आजाद उत्तम, प्रभात, नवीन, तरुण, सूर्या और श्वेता आदि प्रचलित है।
संकर किस्में: सरताज, गंगा 11, दकन, मालवीय संकर मक्का 29095, प्रकाश, पूषा संकर मक्का 5, आईएमएच 224, गंगा 5, पार्वती, पूसा हाइब्रिड 1, शक्तिमान, शक्ति 1, पूसा एच एम 9, पी एम एच 6, सी एम एच 08-287, सी एम एच 08-292, सी एम एच 08-350, सी एम एच 08-282, डी एच एम 121, जी ए डब्लू एम एच 2, एम एच क्यू पी एम 09-08, सी पी 838 और डीएमआरएच 1308 आदि प्रचलित है।
मक्का की किस्मों की विशेषताएं (Characteristics of maize varieties)
शंकर मक्का गंगा सफेद- 2: यह सफेद दानों वाली किस्म है, इसमें 10 प्रतिशत प्रोटीन होती है। यह 115 से 120 दिन में पकने वाली मक्का की किस्म (Maize Varieties) है, जो 45 से 55 क्विंटल प्रति हैक्टर तक पैदावार देती है।
के एच- 510: यह पीले दानों की किस्म है, जो 80 से 85 दिन में पककर तैयार होंती है। इस ममका किस्म (Maize Varieties) से 35 – 40 क्विंटल प्रति हैक्टर तक पैदावार ली जा सकती हैं।
बायो 9637: यह पीले दानों वाली किस्म है, जो 80 से 85 दिन में पककर तैयार होती है। इसकी औसत पैदावार 35 से 40 क्विंटल प्रति हैक्टर होती है इस किस्म में कीट एवं बीमारीयों के लिए प्रतिरोधक क्षमता है।
बायो 9681: यह पीले दानों वाली किस्म है, जो 95 से 100 दिन में पककर 45 से 50 क्टिल प्रति हैक्टर उपज देती है। यह किस्म सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
जी एम- 6: यह सफेद दानों वाली किस्म, जो 80 से 85 दिन में पककर तैयार होती है। इस इस मक्का किस्म (Maize Varieties) की उपज क्षमता 25 से 30 क्विंटल प्रति हैक्टर है।
माधुरी: मक्का की यह किस्म मीठे दानों वाली है। इसके भुट्टे 55 से 60 दिन में तोड़कर बाजार में बेचने के लिए काम आते है। इसके दानों का रंग पीला होता है। इसकी खेती रबी के मौसम में भी की जा सकती है।
गंगा- 11: इस किस्म के दाने पीले नारंगी रंग के चमकीले होते है और 100 से 115 दिन में पकने वाली यह किस्म तुलासिता एवं मेंडीस पत्ती झुलसा रोग प्रतिरोधी होती है।
नवजोत (जे 684): यह मध्यम समय में पकने वाली पीले दानों की संकुल मक्का किस्म (Maize Varieties) है, जो कि 85 दिन में पककर 30 से 35 क्विंटल प्रति हैक्टर की पैदावार देती हैं।
माही धवल: यह सफेद एवं कठोर दानों वाली किस्म है, जो 95 से 100 दिन में पककर 35 से 44 क्विंटल प्रति हैक्टर तक उपज देती है। यह किस्म तुलासिता एवं झुलसा रोग व तना छेदक कीट से सामान्यतः प्रतिराधी है और सिंचित क्षेत्रों हेतु उपयुक्त है।
माही कंचन: यह पीले व ठोस दानों वाली संकुल किस्म है। यह किस्म 75 से 80 दिनों में पककर तैयार होने वाली एवं 25 से 30 क्विंटल प्रति हैक्टर उपज देती है। यह किस्म तुलासिता एवं झुलसा रोग व तना छेदक कीट से सामान्यतः प्रतिराधी है।
अरावली मक्का: यह सफेद एवं ठोस दानों वाली 80 से 85 दिनों में पकने वाली किस्म हैं। इसकी 30 से 40 क्विंटल प्रति हैक्टर पैदावार है। इसका भुट्टा तने के लगभग मण्य में लगता है। यह किस्म तुलासिता, मृदुरोमिलख भूरी धब्बा, भूरी धारीदार मृदरोमिल तथा एवं झुलसा रोग व तना छेदक रोग के लिए सामान्यतः प्रतिराधी है।
हिम 129: यह एक संकर मक्का (Maize Varieties) किस्म है, जो कि कम समय (80 से 85 दिन) में पककर 30 से 33 क्विंटल प्रति हेक्टर की उपज देती है। इसके दाने पीले व कठोर होते है।
पी ई एच एम- 2 (पूसा अर्ली हाइब्रीड मेज – 2): यह पीले दानों वाली संकर किस्म है। यह 80 से 85 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह 33 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टर की उपज देती है। इसके दाने पीले व कठोर होते है। यह किस्म वर्षा पोषित क्षेत्रों के लिए उपयूक्त है। हरे भूट्टे की खेती हेतु भी इस किस्म का प्रयोग किया जा सकता है।
पी ई एच एम- 1 (पूसा अर्ली हाइब्रीड मेज- 1): यह पीले दानों वाली संकर किस्म है। यह 80 से 85 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह 27.5 से 44 क्विंटल प्रति हेक्टर की उपज देती है। इसके दाने पीले व कठोर होते है । यह किस्म असिंचित क्षेत्रों के लिए उपयूक्त है।
प्रताप संकर मक्का- 1: यह एक संकर किस्म है, जो कम समय (80 से 82 दिन) में पककर 35 से 38 क्विंटलप्रति हेक्टर उपज देती है। यह मक्का किस्म (Maize Varieties) वर्षा पोषित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
प्रताप मक्का- 3: यह संकुल किस्म है। इस किस्म का दाना सफेद, कठोर, मोटा एवं चमकीला है। यह किस्म 75 से 78 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म की उत्पादन क्षमता 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टर है। यह मृदारोमिल, तुलासिता, तना विगलन रोग के प्रति रोगरोधक क्षमता तथा तना छेदक कीट के पति सहिष्णु किस्म है। यह किस्म असिंचित क्षेत्रों के लिए विशेष उपयुक्त पाई गयी गई है।
प्रताप मक्का- 5: यह मध्यम (85 से 90 दिन) में पकने वाली संकुल किस्म है। इसका दाना मोटा, कठोर व सफेद रंग का होता है। इसका उत्पादन 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टर है। यह तना विगलन व तुलासिता रोग तथा तना छेदक कीट हेतु सामान्य प्रतिरोधी है। यह किस्म सिंचित एवं असिंचित क्षेत्रों हेतु उपयुक्त है I
एच क्यू पी एम- 1: यह किस्म उच्च प्रोटीन गुणवत्ता मक्का की संकर मक्का किस्म (Maize Varieties) है। जो 100 से 110 दिनों में पककर तैयार होती है। इस किस्म का दाना पीला व आकर्षक होता है। यह चिंचित क्षेत्रों के लिए उचित संकर किस्म है। यह कीटो, सूत्रकृमि एवं रोगो से प्रतिरोधी है एवं प्रोटीन कुपोषण निवारण के लिये गुणवत्ता मक्का की उचित किस्म है।
प्रताप मक्का चरी 6: इसके तने की मोटाई कम होती है। इसका हरा चारा 58 से 60 दिन में पशुओं को खिलाने के योग्य हो जाता है। हरे चारे की उपज 350 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टर होती है। यदि हरे चारे की कटाइ नही की जाय तो 38 से 40 क्विंटल दाना तथा 70 से 80 क्विंटल सुखा चारा (कड़बी) प्रति हेक्टर प्राप्त होता है।
श्वेता: यह मक्का की सफेद दानें वाली नवीनतम संकुल मक्का किस्म (Maize Varieties) है। यह किस्म लगभग 80-85 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी उन्नत तौर-तरीकों से खेती करने पर लगभग 40-45 कुन्तल प्रति हेक्टेयर तक उपज मिल जाती है।
नवीन: यह मक्का की पीली दानें वाली किस्म है। यह किस्म 85-90 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। वैज्ञानिक विधि से खेती करने पर 45-50 कुन्तल प्रति हेक्टेयर तक उपज मिलती है।
तरुण: लाली लिये चमकीले पीले दाने वाली मक्का की यह किस्म 85 से 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी उपज लगभग 40-45 कुन्तल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म पर तना सड़न तथा पत्तियों पर लगने वाले अधिकांश रोगों का प्रकोप नहीं होता ।
कंचन: यह लगभग 70 दिन में तैयार हो जाती है। इसके भुट्टे लम्बे और पीले रंग के होते हैं। यह मक्का किस्म (Maize Varieties) लगभग 35-40 कुंतल प्रति हेक्टेयर उपज देती है।
डी- 765: यह मक्का की पीले दाने वाली नवीनतम किस्म है। यह लगभग 80 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी उपज लगभग 35-40 कुन्तल प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म में तना सड़न रोग तथा पत्तियों पर लगने वाले रोग नहीं लगते हैं।
सूर्या: यह मक्का किस्म (Maize Varieties), जो लगभग 75-80 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इसकी उपज क्षमता 30-35 कुन्तल प्रति हेक्टेयर है।
आजाद उत्तम: यह मक्का की पीले दाने वाली किस्म है। यह किस्म लगभग 70 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इसकी उपज क्षमता लगभग 30-40 कुन्तल प्रति हेक्टेयर है।
पूसा एच एम- 9: यह संकर किस्म 85-90 दिन में पक कर तैयार होती है। इसके दानें पीले, कड़े तथा चमकदार होते है। एक हेक्टेयर से लगभग 50-55 कुन्तल उपज मिल जाती है।
पी एम एच- 6: यह संकर किस्म 85-90 दिन में पककर तैयार होती है। इस मक्का किस्म (Maize Varieties) की उपज क्षमता 60-65 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।
सी एम एच- 08-287: यह संकर किस्म लगभग 100-110 दिन में तैयार हो जाती है। इसके भुट्टे लम्बे और पीले रंग के होते है। लगभग 75-80 कुंतल प्रति हेक्टेयर उपज देती है।
सी एम एच- 08-292: यह संकर किस्म 85-90 दिन में पक कर तैयार होती है। इसकी उपज क्षमता 70-75 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।
सी एम एच- 08-350: यह संकर किस्म 85-90 दिन में पक कर तैयार होती है। इस मक्का किस्म (Maize Varieties) की उपज क्षमता 65-70 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।
सी एम एच- 08-282: यह संकर किस्म 100-110 दिन में पककर तैयार होती है। इसकी उपज क्षमता 60-65 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।
डी एच एम- 121: यह संकर किस्म 85-90 दिन में पक कर तैयार होती है। इस मक्का किस्म (Maize Varieties) की उपज क्षमता 55-60 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)
मक्का की लगभग 50 प्रजातियाँ मौजूद हैं और इनमें अलग-अलग रंग, बनावट और अनाज के आकार और आकार होते हैं। सफ़ेद, पीले और लाल मक्का की सबसे आम खेती की जाने वाली किस्में हैं।
शक्ति 1 किस्म को मक्का (Maize Varieties) की जल्दी पकने वाली किस्मों में से एक माना जाता है। इस किस्म को पूरे भारत में उगाया जाता है। इसके दाने नारंगी सफेद रंग लिए हुए होते हैं, यह एक मध्यम समय में पकने वाली किस्म है।
पूसा हाइब्रिड 1 , पूसा हाइब्रिड 2, गुजरात मक्का 2, आईक्यूएमएच 203 और गेमा, ये जल्दी पकने वाली मक्का की किस्में (Maize Varieties) है और कम समय में ही विश्वसनीय परिणाम देती है।
पालम संकर मक्का 2, जवाहर मक्का 216 और वाओ 9639, यह रबी और खरीफ दोनों के लिए मक्का की उपयुक्त किस्में है।
गंगा 11 त्रिसुलता, डेक्कन 101, 103, 105, एचएम 11 एचक्यूपीएम 4, सरताज प्रो 311, बायो 9681, सीड टैंक 2324, बिस्को 855, एनके 6240 और एसएमएच 3904 आदि प्रमुख है। ये किस्में 95 दिन या इससे अधिक समय लेती है।
मक्का की हाइब्रिड: पूसा हाइब्रिड 1, आईएमएच 224, वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 45, वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 61, वीएलक्यूपीएम हाइब्रिड 63 और पार्वती मक्का की किस्में (Maize Varieties) अच्छी मानी जाती है।
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