Varieties of Moth in Hindi: मोठ की खेती हमारे देश के कृषि परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, जिसका इतिहास सदियों पुराना है। देश में मोठ की कई किस्में हैं, जिनको अलग-अलग क्षेत्रों में उगाया जाता है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताएं हैं। उन्नत मोठ की किस्मों में देशी किस्मों की तुलना में अधिक उपज क्षमता होती है, जिससे वे वाणिज्यिक खेती के लिए पसंदीदा विकल्प बन जाती हैं।
भारत में उगाई जाने वाली लोकप्रिय मोठ की किस्मों (Moth Varieties) को समझना और साथ ही कृषि में उनका महत्व समझना किसानों और उद्योग से जुड़े हितधारकों के लिए जरूरी है। यह लेख भारत में विभिन्न मोठ की किस्मों की गहन जानकारी प्रदान करता है, जिसमें उनकी विशेषताओं, क्षेत्रीय विविधताओं, चुनौतियों और किस्म के विकास में भविष्य के प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालता है।
मोठ की उन्नत किस्में (Improved varieties of moth)
आमतौर पर यह देखा गया है कि उन्नत किस्मों की पैदावार एवं स्थानीय किस्मों की उपज में 20-45% का अन्तर रहता है। यह अन्तर कम करने के लिये उत्पादकों को उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए। मोठ की किस्मों (Moth Varieties) का राज्यवार विश्लेष्ण इस प्रकार है, जैसे-
राज्य | मोठ की किस्में |
राजस्थान | आरएमओ – 257, आर एम ओ – 435, आर एम ओ – 2004 (आर एम बी 25), आर एम ओ – 225, आर एम ओ – 40, एफ एम एम – 96, मोथ 880, ज्वाला, काजरी मोठ – 2 (सी जेड एम 45 ), काजरी मोठ – 3 ( सी जेड एम 99), टी एम वी (एम बी – 1 ) |
गुजरात | जी एम ओ – 1, जी एम ओ – 2, मारू बहार (आर एम ओ – 435 ) |
महाराष्ट्र | काजरी मोठ – 2 (सी जेड एम 45), काजरी मोठ – 3 (सी जेड एम 99), मारू बहार ( आर एम ओ – 435 ) |
हरियाणा | काजरी मोठ – 2 (सी जेड एम 45 ), काजरी मोठ – 3 ( सी जेड एम 99 ) |
मध्य प्रदेश | आर एम ओ – 40, आर एम ओ – 225, काजरी मोठ – 2, काजरी मोठ – 3 |
उत्तर प्रदेश | आर एम ओ – 225, काजरी मोठ – 2, काजरी मोठ – 3, आर एम ओ – 257 |
अन्य किस्में: आर एम ओ – 257, आर एम ओ – 423, आर एम ओ – 435, जे एम वी – 1, सी ऐ जेड आर ई – 2 और सी ऐ जेड आर ई – 3 प्रचलित मोठ की किस्में (Moth Varieties) है।
मोठ की किस्मों की विशेषताएं (Features of Moth varieties)
आर एम ओ 40: पीतिशिरा मोजेक विषाणु रोधक इस किस्म की पत्तियां चौड़ी, कम कटावदार व गहरे हरे रंग की होती है तथा पकने तक हरी रहती है। पौधा सीधा 30-40 सेन्टीमीटर ऊंचा कम फैलाव वाला होता है। फलियां व दाने भूरे रंग के तथा पकाव अवधि 62-65 दिन है। इसमें सूखा सहन करने की क्षमता होती है। यह 6-9 क्विण्टल दाने एवं 13-14 क्विण्टल सूखे चारा की उपज देती है जो अन्य प्रचलित किस्मों से 60-70 प्रतिशत अधिक है। इसके 1000 दानों का वजन 29 से 30 ग्राम होता है।
आर एम ओ 435: यह एक जल्दी पकने वाली अर्द्ध विस्तारी किस्म है। जो शुष्क व अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों के लिये उपयुक्त है। इसके पौधों में 6 से 8 मुख्य शाखाएं तथा पत्तियां चौड़ी कम कटावदार व पकने तक हरी रहती है। इससे औसतन 6 से 8 क्विण्टल बीज तथा 14 से 17 क्विण्टल चारा प्रति हैक्टेयर मिलता है। यह मोठ की किस्म (Moth Varieties) बीमारियों से कम प्रभावित होती है।
आर एम ओ 257: यह भी जल्दी पकने वाली ( 65 दिन) मोठ की किस्म (Moth Varieties) है, जो आरएमओ 40 की तुलना में पीतशिरा विषाणु तथा थ्रीप्स के प्रति अधिक सहनशील है। इससे औसतन 5.5 क्विण्टल बीज तथा 13 से 14 क्विण्टल चारा प्रति हैक्टेयर मिलता है।
टाइप- 1: यह देरी से पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 120-130 दिन है। भूरे लाल रंग के दाने, मध्यम आकार औसत चारा उत्पादन 10-14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मुख्य रूप से चारे के लिये उपयुक्त रहती है। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 2-3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
टाइप- 2 (पंजाब और हरियाणा): यह देरी से पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 120-125 दिन है। चारे के लिये उपयुक्त 22 – 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, हरा चारा, कम कटाव वाली पत्तियाँ, बाहर की ओर निकली हुई एवं क्षितिज रूप से बढ़ती हुई पत्तियाँ होती है। इस मोठ किस्म की औसतन पैदावार 3.5-4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
एम जी- 1 (गुजरात के क्षेत्र): यह देरी से पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 110-115 दिन है। पीत शिरा मोजेक वाइरस के प्रति अति संवेदनशील, लम्बे आकार के पौधे (45-55 सेमी) कम घनाव (10-12 प्रतिशत)। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 3.5-5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
बालेश्वर- 12 (गुजरात के क्षेत्र): यह देरी से पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 110-115 दिन है। पीत शिरा रोग के प्रति अति संवेदनशील, लम्बे प्रकार के पौधे, 15-17 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हरे चारे की उपज, भूरे और मध्यम आकार के बीज (100 – दानों का वजन 2.2 ग्राम), 23-25 प्रतिशत तक दानों की मात्रा होती है। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 4-5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
जड़िया- (सभी क्षेत्र के लिए): यह मध्यम अवधि वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 85-90 दिन है। फैलकर बढ़ने की वृद्धि, गहरे भूरे रंग के बीज, मध्यम आकार के (100 – बीजों का वजन 2.0 – 2.5 ग्राम) पीत शिरा मोजेक वाइरस के प्रति संवेदनशील, 10-12 क्विंटल प्रति हैक्टेयर हरे चारे का उत्पादन, 15-20% घनाव। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 4.5-5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
ज्वाला- (सभी क्षेत्र के लिए): यह मध्यम अवधि वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 80-90 दिन है। पीत शिरा मोजेक वाइरस के प्रति प्रतिरोधी, 17-18 क्विंटल प्रति हैक्टेयर चारे का औसत उत्पादन, 25- 28% घनाव। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 5-6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
मरू मोठ- (सम्पूर्ण राजस्थान): यह मध्यम अवधि वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 80-85 दिन है। कम फैलाव वाली किस्म, सरकोस्पोरा पत्ती के धब्बों की बीमारी से कम प्रभावित, मिश्रित कृषि के लिए अधिक उपयोगी। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 5-6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
आई पी सी एम ओ- 800 (पश्चिमी राजस्थान): यह मध्यम अवधि वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 80-85 दिन है। फैलावदार किस्म, चौड़ी तथा गहरे कटाव वाली पत्तियाँ, 22-24% प्रोटीन की मात्रा, 20-25% घनाव। इस मोठ किस्म की औसतन पैदावार 4-5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
आई पी सी एम- 912 (राजस्थान): यह मध्यम अवधि वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 75-85 दिन है। पीत शिरा मोजेक वाइरस और जीवाणुज अंगमारी के प्रति प्रतिरोधक, संकुचित प्रकार की पत्तियाँ। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 4-5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
काजरी मोठ- 1 (सम्पूर्ण देश के वर्षा आधारित क्षेत्र): यह मध्यम अवधि वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 72-75 दिन है। अर्द्ध स्तम्भ प्रकार के पौधे, 24-25% तक दानों में प्रोटीन की मात्रा पीत शिरा मोजेक वाइरस के प्रति प्रतिरोधक। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 4-5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
आर एम ओ- 40 (देश के रुक्ष क्षेत्र): यह जल्दी पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 62-65 दिन है। जल्दी पकने वाली, स्तम्भ प्रकार, एक साथ वृद्धि, सूखे और पीत शिरा मोजेक वाइरस के संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक, बहुत कम पंक्तिवार दूरी पर लगाने योग्य, छोटे प्रकार के पौधे, 30-32 प्रतिशत घनाव। इस मोठ किस्म की औसतन पैदावार 6-8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
आर एम ओ- 257 (रुक्ष एवं अर्द्ध रूक्ष क्षेत्र): यह जल्दी पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 64-66 दिन है। अर्द्ध स्तम्भ वृद्धि प्रकार, 18-20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर चारे की उपज, 3 – 6 शाखाएँ प्रति पौधा, पीत शिरा मोजेक वाइरस से कम संक्रमित। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 6-8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
एफ एम एम- 96 (शुष्क एवं कम वर्षा वाले क्षेत्र): यह जल्दी पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 58-60 दिन है। अत्यधिक जल्दी पकने वाली किस्म, छोटे प्रकार के पौधे, स्तम्भ वृद्धि प्रकार, एक साथ पकने वाली। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 5-7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
आर एम ओ- 225 (वर्षा आधारित रुक्ष एवं अर्द्ध रुक्ष क्षेत्र): यह जल्दी पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 62-65 दिन है। अर्द्ध स्तम्भ प्रकार, हल्के भूरे रंग के बीज, सूखे एवं पीत शिरा मोजेक वाइरस के प्रति प्रतिरोधक, 17-20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर चारे की उपज। इस मोठ किस्म (Moth Varieties) की औसतन पैदावार 6-7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
आर एम ओ- 435 (देश के शुष्क एवं कम वर्षा वाले क्षेत्र): यह जल्दी पकने वाली मोठ की किस्म है। इस किस्म की फसल अवधि 64-67 दिन है। सूखे एवं पीत शिरा मोजेक वाइरस के प्रति प्रतिरोधक, अर्द्ध प्रसारित वृद्धि प्रकार, आर एम ओ 257 से 10-12 प्रतिशत अधिक उपज, चौड़ी और गहरे हरे रंग की पत्तियाँ । इस मोठ किस्म की औसतन पैदावार 6-7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)
आर एम ओ- 40, आर एम ओ- 225, काजरी मोठ- 2, काजरी मोठ- 3, आरएमओ- 257 आदि मोठ की किस्में (Moth Varieties) प्रचलित है।
आर एम ओ- 225: यह सूखा रोधी किस्म है और पकने में 60-65 दिन लगते हैं, इसके पौधे 30-35 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं।
आरएमओ- 225, काजरी मोठ- 2, काजरी मोठ- 3, आरएमओ- 257 मोठ की किस्मों में से देर से पकने वाली किस्में ये हैं।
काजरी मोठ- 2, काजरी मोठ- 3, आरएमओ- 225, आरएमओ- 257 मध्यम पकने वाली मोठ की किस्में (Moth Varieties) हैं।
आरएमजी- 62, आरएमजी- 268, आरएमजी- 344, आरएमजी- 492, आरएमजी- 975, एमएसजे- 118, आर एम ओ- 225, काजरी मोठ- 2, काजरी मोठ- 3 और आरएमओ- 257 आदि मोठ की जल्दी पकने वाली किस्में है।
मोठ की उन्नत किस्मों में से काजरी मोठ-2 और काजरी मोठ-3 सबसे ज़्यादा उपज देने वाली किस्में हैं।
आमतौर पर मोठ की बुआई का सही समय जुलाई तक माना जाता है। लेकिन शीघ्र पकने वाली मोठ किस्मों (Moth Varieties) की बुवाई 30 जुलाई तक की जा सकती है।
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