Cultivation of Sugarcane by Bud Chip Technique in Hindi: गन्ना बड चिप तकनीक दुनिया भर में गन्ना खेती के तरीकों में क्रांति लाने वाली एक आशाजनक तकनीक के रूप में उभरी है। प्रौद्योगिकी और नवाचार की शक्ति का उपयोग करके, यह विधि गन्ना फसलों को उगाने के लिए एक स्थायी और कुशल दृष्टिकोण प्रदान करती है। वड चिप विधि द्वारा गन्ना की खेती करने में केवल 10-12 क्विंटल बीज गन्ना से एक हैक्टर क्षेत्रफल में गन्ना की खेती की जा सकती है। जबकि पारंपरिक विधि द्वारा इतने ही क्षेत्रफल के लिए 50-60 क्विंटल बीज गन्ना की आवश्यकता होती है।
उच्च उत्पादकता के लिए उत्तम किस्मों का चयन आवश्यक है। यह लेख गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि के मूल सिद्धांतों पर चर्चा करता है, इसके लाभों, चरण-दर-चरण कार्यान्वयन प्रक्रिया, अपनाने से पहले विचार करने वाले कारकों और पारंपरिक खेती तकनीकों के साथ तुलनाओं की खोज करता है। इसके अतिरिक्त, गन्ना खेती में बड चिप विधि की वास्तविक जीवन की सफलता की कहानियों, चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं की जांच की जाएगी, जो कृषि उत्पादन में इस अत्याधुनिक दृष्टिकोण का व्यापक अवलोकन प्रदान करेगी।
गन्ना बड चिप विधि के लिए उपयुक्त जलवायु (Suitable climate for sugarcane bud chip method)
गन्ना की बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है। गन्ने के लिए अच्छी जलवायु में तापमान 21 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। गन्ने के लिए वार्षिक वर्षा 75 सेंटीमीटर होनी चाहिए। गन्ने के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी जिसका पीएच 7.5 से 8.5 हो और जिसमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा इष्टतम हो, सबसे उपयुक्त होती है।
गन्ना बड चिप विधि के लिए भूमि का चुनाव (Selection of land for sugarcane bud chip method)
दोमट मिट्टी युक्त भूमि जिसमें अच्छी जल निकास की सुविधा हो, गन्ना के लिए उपयुक्त होती है। हालाँकि गन्ने की बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि के लिए काली भारी मिट्टी, पीली मिट्टी, या रेतीली मिट्टी भी अच्छी होती है, लेकिन उसमें पानी का अच्छा निकास होना चाहिए और कार्बनिक पदार्थों की उचित मात्रा होनी चाहिए।
गन्ना बड चिप विधि के लिए खेत की तैयारी (Preparation of field for sugarcane bud chip method)
गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि के लिए शरदकालीन रोपण हेतु खरीफ और वसंतकालीन रोपण के लिए रबी की फसल काटने के बाद एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा दो जुताइयां हैरो या कल्टीवेटर से करने के बाद पाटा लगा देना चाहिए। खेत की जुताई के समय ही 20 टन प्रति हैक्टर गोबर की खाद या प्रेसमड डालकर मिला देनी चाहिए। प्रारम्भिक अवस्था में गन्ना को कीट मुक्त रखने के लिए क्लोरोपाइरीफॉस नामक कीटनाशी दवा 5 लीटर प्रति हैक्टर की दर से इस्तेमाल करनी चाहिए।
प्रत्यारोपन के दिन अनुशंसित दूरी पर नाली खोलकर सिचाई करने के बाद 25-30 दिनों के पौधों को प्रत्यारोपित करना चाहिए। प्रत्यारोपण के बाद 1 दिन के अन्तराल पर एक सप्ताह तक नाली में हल्की सिंचाई देते रहना चाहिए। पौधों के जमाव के बाद पारंपरिक विधि अनुसार ही प्रबंधन करना चाहिए।
गन्ना की बड चिप विधि के लिए उन्नत किस्में (Improved Varieties for Bud Chip Method of Sugarcane)
गन्ने की बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि के लिए किसी खास किस्म की ज़रूरत नहीं होती। यह तकनीक गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इस तकनीक में, गन्ने की कली के साथ-साथ नोडल क्षेत्र का एक हिस्सा अलग करके कली चिप बनाई जाती है। फिर, इन कली चिप्स को कवकनाशी से उपचारित करके रोपा जाता है। इस विधि से गन्ने की पैदावार बढ़ने के साथ-साथ बीज की बचत भी होती है।
गन्ना बड चिप विधि के लिए नर्सरी की तैयारी (Preparation of nursery for sugarcane bud chip method)
- रोग और कीट मुक्त स्वस्थ गन्ने जिनकी उम्र 9-10 माह हो उस फसल को बीज के रूप में प्रयोग करते हैं।
- गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि के लिए हस्तचालित यंत्र द्वारा बड को निकालते हैं।
- कटे हुए बड चिप को 0.1 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम के मिश्रण में 10 मिनट तक डुबोते हैं।
- गन्ना बड चिप रोपण के लिए छनी हुई मिट्टी, रेत एवं कार्बनिक पदार्थ की मात्रा को बराबर-बराबर अनुपात में मिलाने के बाद मिश्रण को 10 मिली क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी तरल दवा को प्रति क्विंटल मिश्रण में मिलाकर उपचारित करना चाहिए।
- उपचारित बड चिप और मिश्रण को प्रबर्द्धन ट्रे, कप या छिद्रयुक्त थैलियों में डालकर पंक्तिवद्ध करते हुए रखना चाहिए।
- ट्रे या थैलियों में गन्ना बड चिप सावधानीपूर्वक रखना चाहिए, ताकि बड उपर की ओर स्थित हो।
- निरंतर सिंचाई आवश्यक है ताकि नमी बनी रहे।
- 1 प्रतिशत यूरिया घोल का 15 वें और 25 वें दिन छिड़काव करना चाहिए।
गन्ना बड चिप विधि से रोपण का समय (Time of planting by sugarcane bud chip method)
गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि से तापक्रम के आधार पर प्रत्यारोपण के लिए दो समय निर्धारित है, जैसे-
- शरदकालीन प्रत्यारोपण – अक्टूबर से मध्य नवम्बर
- वसंतकालीन प्रत्यारोपण – फरवरी से मध्य मार्च तक
शरदकाल में प्रत्यारोपित गन्ने की उपज वसंतकाल के तुलना में 15-20 प्रतिशत अधिक होती है। इस समय प्रत्यारोपित पौधे जैविक एवं अजैविक कुप्रभावों के प्रति अधिक सहनशील होती है।
गन्ना बड चिप विधि के लिए रोपण की विधि (Method of planting for sugarcane bud chip method)
बड चिप से तैयार गन्ना पौधों के लिए कतार से कतार की दूरी 90 सेंमी तथा पौध से पौध की दूरी 45 सेंमी रखनी चाहिए। अगर जोड़ी पंक्ति विधि से गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) की रोपाई करनी हो तो पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30:120 सेंमी तथा पौध से पौध की दूरी 45 सेंमी रखनी चाहिए।
अनुसंधान में यह भी पाया गया है, कि बड चिप विधि द्वारा गन्ना की खेती में कतार से कतार की दूरी 45 सेंमी रखने पर भी उतनी ही उपज प्राप्त होती है, जितनी 30 सेंमी दूरी रखने से प्राप्त होती है। प्रत्यारोपण के समय नाली में सिंचाई कर देना चाहिए। सिंचाई के बाद प्रत्यारोपण आसान तथा पौधों का जमाव अच्छा होता है।
गन्ना बड चिप विधि के लिए खाद और उर्वरक (Manure and fertilizers for sugarcane bud chip method)
विभिन्न संस्थान में बड चिप पर किये गये शोध के परिणामों से स्पष्ट है कि वर्तमान में अनुशंसित पोषक तत्वों की मात्रा (150:85:60 किलोग्राम नेत्रजन, स्फूर और पोटाश क्रमशः ) को 150 प्रतिशत तक बढ़ाने पर अच्छी उपज एवं आमदनी प्राप्त होती है। गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) का औसत वजन (9.5 ग्राम प्रति बड) बहुत कम होने के कारण बड चिप में सुरक्षित पोषक तत्वों की मात्रा कम होती है। इसलिए बड चिप विधि से गन्ना की खेती करने के लिए पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाना आवश्यक है।
खेत की जुताई के समय 20 टन प्रति हैक्टर सड़ा हुआ कम्पोस्ट या गंधकीय प्रेसमड तथा उर्वरकों के रुप में 225 किलोग्राम नेत्रजन, 125 किलोग्राम स्फूर तथा 90 किलोग्राम पोटाश का व्यवहार करना चाहिए। इसमें से नेत्रजन की आधी मात्रा प्रत्यारोपण के समय और शेष बचे नेत्रजन का 25 प्रतिशत हिस्सा प्रथम सिंचाई के बाद तथा 25 प्रतिशत हिस्सा मिट्टी चढ़ाते समय इस्तेमाल करना चाहिए।
गन्ना बड चिप विधि के लिए सिंचाई प्रबन्धन (Irrigation Mgt for Sugarcane Bud Chip Method)
प्रत्यारोपित पौधों के स्थापित होने के बाद शरदकालीन प्रत्यारोपण में 6-7 और वसंतकालीन प्रत्यारोपण में 4-5 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। प्रत्येक सिंचाई के बाद दो पंक्तियों के बीच अंतरकर्षण कर देना चाहिए। शरदकालीन प्रत्यारोपण में दूसरी सिंचाई के बाद जबकि वसंतकालीन प्रत्यारोपण में पहली सिंचाई के बाद अंतरकर्षण करते समय यूरिया का प्रथम उपरिवेशन कर देना चाहिए।
गन्ना बड चिप विधि के लिए निकाई-गुड़ाई (Weeding for sugarcane bud chip method)
साधारणतया गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि द्वारा तैयार पौधे को नाली में लगाया जाता है और सिंचाई भी केवल नाली में ही किया जाता है। नाली में सिंचाई देने के कारण जल की बचत तो होती ही है साथ ही खरपतवार भी कम निकलते हैं। बरसात का मौसम शुरु होने से पहले (जून के तीसरे सप्ताह) मिट्टी चढ़ाते समय नाली मेड़ में बदल जाती है। यदि खरपतवार अधिक हो तो आवश्यकतानुसार प्रत्यारोपण के 40-45 दिनों बाद पूरे खेत में एक बार अच्छी तरह खरपतवार प्रबंधन मजदूर या मशीन द्वारा करना चाहिए।
गन्ना बड चिप विधि के लिए मिट्टी चढ़ाना (Earthing for sugarcane bud chip method)
जून के तीसरे सप्ताह में यूरिया का द्वितीय उपरिवेशन और फ्यूराडान कीटनाशी का 33 किलोग्राम प्रति हैक्टर की दर से इस्तेमाल कर रीजर से मिट्टी चढ़ाना चाहिए। गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) की अच्छी बढ़वार होने पर फसल को गिरने से बचाने के लिए अगस्त से मध्य सितम्बर तक आमने-सामने की पंक्तियों की गन्ने को एक दूसरे की तरफ झुकाकर उसी की हरी एवं सूखी पत्तियों को एकान्तर श्रृंखला में बांध देना चाहिए।
गन्ना बड चिप विधि फसल की कटाई (Harvesting of sugarcane bad chip method crop)
कटाई जमीन की सतह से की जानी चाहिए। अगेती किस्मों की कटाई 15 नवम्बर तथा मध्य पछेती किस्मों की कटाई जनवरी के प्रथम सप्ताह से करनी चाहिए। गन्ने की अनुचित कटाई से गन्ने और चीनी की उपज में कमी आती है। गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) की कटाई के लिए हाथ से चलने वाले चाकू, कटिंग ब्लेड, या हाथ से चलने वाली कुल्हाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है।
गन्ने की बड चिप विधि की फसल से उपज (Sugarcane bad chip crop yield)
गन्ना बड चिप विधि से प्रति हेक्टेयर 122.6 से 129.2 टन तक गन्ने का उत्पादन मिल सकता है। यह पारंपरिक विधि से 37.3% ज़्यादा होता है। बड चिप विधि (Sugarcane Bud Chip) से गन्ने का उत्पादन इस वजह से ज़्यादा होता है: इस विधि में बीज की ज़रूरत कम होती है। इससे स्वस्थ पौधे और अच्छे क्षेत्र की स्थापना होती है। इससे रसयुक्त गन्ने की संख्या ज़्यादा होती है। बचे हुए गन्ने का इस्तेमाल रस, गुड़, या शर्करा बनाने में किया जा सकता है।
गन्ना बड चिप तकनीक से लाभ (Benefits of sugarcane bad chip technology)
- बड चिप विधि द्वारा गन्ने की खेती में केवल 10-12 क्विंटल बीज गन्ना से एक हैक्टर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती की जा सकती है। जबकि पारंपरिक विधि में इतने क्षेत्रफल के लिए 50-60 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है।
- पारंपरिक विधि ( 30-35 प्रतिशत) की अपेक्षा बड चिप का प्रस्फुटन अधिक ( 90 प्रतिशत) होता है। गन्ना की बड चिप विधि द्वारा खेती करने पर 80 प्रतिशत बीज की बचत होती है।
- प्रवर्द्धन ट्रे, प्लास्टिक कप या पॉलीबैग में तैयार किए गए पौधे का परिवहन आसानी से किया जा सकता है।
- गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) द्वारा विकसित पौधों का मुख्य खेत में स्थापन्न शत-प्रतिशत होता है।
- मातृ पौधे की संख्या पर्याप्त होने के कारण रस में चीनी की अधिकता होती है।
- बड चिप निष्कासन के बाद शेष बचे हुए गन्ने को रस, गुड़ या चीनी बनाने में उपयोग किया जा सकता है।
- इस विधि से गन्ना प्रत्यारोपित करने पर लम्बी अवधि वाली धान के बाद भी शीतकालीन गन्ना की तरह लाभ प्राप्त होता है।
- गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि द्वारा गेहूं के बाद भी गन्ना संभव।
- जल-जमाव वाले क्षेत्रों में जहां नमी की अधिकता के कारण समय पर खेत तैयार नहीं हो पाता उस परिस्थिति के लिए भी गन्ना बड चिप विधि उपयुक्त।
- ईख अनुसंधान संस्थान, पूसा में किए गए शोध के परिणाम से स्पष्ट हुआ है, कि जल जमाव वाले क्षेत्रों में बड चिप विधि से गन्ना की खेती करने पर पारंपरिक विधि की तुलना में 14.9 प्रतिशत अधिक कल्ले एवं 10.3 प्रतिशत अधिक मिल योग्य गन्ना प्राप्त हुआ है साथ ही लाभ-लागत अनुपात में 11.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
- खूंटी फसल में रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए गन्ना बड चिप विधि उपयुक्त है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)
चिप बड तकनीक गन्ना उत्पादन की सबसे आशाजनक तकनीक है, जहाँ नियंत्रित वातावरण में उगाए गए गन्ना चिप बड (Sugarcane Bud Chip) पौधों को मुख्य खेत में प्रत्यारोपित किया जाता है। आम तौर पर, इस तकनीक में, पौधों को एक निश्चित उम्र में, एक निश्चित अंतराल और उचित प्रबंधन प्रथाओं के साथ प्रत्यारोपित किया जाता है।
त्वरित बीज गुणन के लिए बड चिप विधि द्वारा गन्ना का पौधा तैयार करना एक आसान उपाय है। इसे बीज बचत तकनीक के नाम से भी जाना जाता है। इस विधि से पौधे तैयार करने हेतु गन्ना से निष्कासित बड को उपयोग किए गए प्लास्टिक कप, प्रवर्द्धन ट्रे या रेतीली मिट्टी में डालकर नर्सरी तैयार की जा सकती है। इसके बाद गन्ने की बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि के अनुसार पौधों का रोपण मुख्य खेत में किया जाता है।
गन्ने की बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि के लिए नर्सरी 40-45 दिन पहले तैयार की जाती है। इस विधि में, गन्ने की नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं और फिर रबी या बसंत की फ़सल खत्म होने के बाद, खेतों में रोपाई की जाती है।
बड चिप से तैयार गन्ना पौधों के लिए कतार से कतार की दूरी 90 सेंमी तथा पौध से पौध की दूरी 45 सेंमी रखनी चाहिए। अगर जोड़ी पंक्ति विधि से गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) की रोपाई करनी हो तो पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30:120 सेंमी तथा पौध से पौध की दूरी 45 सेंमी रखनी चाहिए।
बड चिप विधि से गन्ना की खेती करने के लिए पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाना आवश्यक है। खेत की जुताई के समय 20 टन प्रति हैक्टर सड़ा हुआ कम्पोस्ट या गंधकीय प्रेसमड तथा उर्वरकों के रुप में 225 किलोग्राम नेत्रजन, 125 किलोग्राम स्फूर तथा 90 किलोग्राम पोटाश का व्यवहार करना चाहिए।
प्रत्यारोपन के दिन अनुशंसित दूरी पर नाली खोलकर सिचाई करने के बाद 25-30 दिनों के पौधों को प्रत्यारोपित करना चाहिए। प्रत्यारोपण के बाद 1 दिन के अन्तराल पर एक सप्ताह तक नाली में हल्की सिंचाई देते रहना चाहिए। इसके बाद गन्ना बड (Sugarcane Bud) में पौधों के जमाव के बाद पारंपरिक विधि अनुसार ही प्रबंधन करना चाहिए।
गन्ना बड चिप (Sugarcane Bud Chip) विधि से प्रति हेक्टेयर 122.6 से 129.2 टन तक गन्ने का उत्पादन मिल सकता है। यह पारंपरिक विधि से 37.3% ज़्यादा होता है।
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